Makhana is the New Champion of the Global Health Food Industry
Makhana, popularly known as Fox Nut is indigenous to India and is now widely accepted as a superfood in the global health food industry.
मखाना, जिसे फॉक्स नट के नाम से जाना जाता है, भारत में इसकी फसल उगती है और अब वैश्विक स्वास्थ्य खाद्य (भोजन/आहार) उद्योग में इसे सुपरफूड के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार किया जाने लगा है।
मखाना, जिसे फॉक्स नट के नाम से भी जाना जाता है, जो कभी भारतीय घरों का मुख्य भोजन था, अब एक वैश्विक सुपरफूड है। इसके समृद्ध पोषण प्रोफाइल ने इसे स्वास्थ्य खाद्य उद्योग में एक बहुत ही लोकप्रिय नाश्ता और / या सामग्री बना दिया है। कभी भारत में सस्ते दामों पर उपलब्ध होने वाला यह मखाना अब कई गुना मुनाफे के साथ उच्च मूल्य पर बेचा जा रहा है। भारत वैश्विक मखाना क्षेत्र पर हावी है, क्योंकि दुनिया का 90% उत्पादन भारतीय राज्य बिहार से आता है। मखाना की लोकप्रियता में अचानक वृद्धि से हजारों किसानों को अपने लिए लाभदायक आजीविका बनाने में मदद मिली है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा मखाना निर्यातक ( एक्सपोर्टर) है, जिसका मुख्य निर्यात बाजार उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया है। इस क्षेत्र में तेजी से वृद्धि का श्रेय स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता और स्वस्थ नाश्ते के विकल्पों की मांग को दिया जा सकता है।
विकास की आशाजनक गति के साथ- साथ चुनौतियाँ भी आती हैं। मखाना की खेती में बहुत ज़्यादा श्रम लगता है, मशीनीकरण और प्रौद्योगिकी एकीकरण की कमी है, आपूर्ति श्रृंखलाएँ अनिश्चित हैं और साथ ही लाभदायक मूल्य निर्धारण अस्थिर रहता है। भारत सरकार ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए मज़बूत उपाय किए हैं, उदाहरण के लिए, मखाना बोर्ड की स्थापना, बिहार के मिथिला क्षेत्र से मखाना के लिए भौगोलिक संकेत ( जीआई / GI ) टैग और कई अन्य योजनाएँ।
भारत में मखाना का ऐतिहासिक और पारंपरिक महत्व -
मखाना सदियों से भारतीय घरों का अभिन्न अंग रहा है। अब तक, यानी स्वस्थ नाश्ते का विकल्प बनने से पहले, मखाना पारंपरिक रूप से उपवास के दौरान खाया जाता था। यह खीर, प्रसाद और पंच अमृत जैसे त्यौहारों के व्यंजनों में भी मुख्य सामग्री में से एक था। मखाना, ऐतिहासिक रूप से उत्तर भारत में रसोई का मुख्य हिस्सा रहा है, इसकी उत्पत्ति बिहार के मिथिला क्षेत्र से हुई है।
आयुर्वेद में, भारतीय चिकित्सा प्रणाली जो हर्बल औषधि और समग्र स्वास्थ्य पर केंद्रित है, माना जाता है कि मखाना में शीतलता होती है और यह वात और पित्त दोषों को संतुलित करने में मदद कर सकता है ( वात वायु और अंतरिक्ष ऊर्जा है और पित्त अग्नि और जल ऊर्जा है जो आयुर्वेद में शरीर और मन को नियंत्रित करती है), पाचन में सुधार, शक्ति में वृद्धि, एक प्राकृतिक कामोद्दीपक के रूप में कार्य करना और अनिद्रा को कम करना।
मखाना पारंपरिक चीनी चिकित्सा प्रणाली में भी एक मुख्य सामग्री है जिसे कियान शि (Qian Shi) के नाम से जाना जाता है। पारंपरिक चीनी चिकित्सकों द्वारा इसका उपयोग हड्डियों और किडनी को मजबूत बनाने जैसी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के प्रबंधन के लिए किया जाता है।
वैश्विक सुपरफूड के रूप में मखाना का उदय -
मखाना अपने पोषण संबंधी गुणों के कारण बहुत जल्दी सुपर फूड के रूप में पहचाना जाने लगा। हर 100 ग्राम में 347 कैलोरी, 9.7 ग्राम प्रोटीन, 76.9 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 14.5 ग्राम फाइबर, 1-2 ग्राम वसा, 1.4 मिलीग्राम आयरन, 60 मिलीग्राम कैल्शियम, 67.2 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 200 मिलीग्राम फॉस्फोरस, 420 मिलीग्राम पोटैशियम होता है। ग्लूटेन मुक्त होने के कारण मखाना की मांग बहुत अधिक है।
मखाना पारंपरिक खाद्य पदार्थ से वैश्विक वस्तु बन गया है। विशुद्ध रूप से सांस्कृतिक और धार्मिक उपभोग से लेकर यह स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के रुझानों का प्रतीक बन गया है। इस बदलाव ने अंतर्राष्ट्रीय पहुंच और उच्च मूल्य प्राप्ति के साथ अपार बाजार अवसर खोले हैं। मखाना अब इस बात का एक शानदार उदाहरण बन गया है कि कैसे स्वदेशी कृषि उत्पादों को आधुनिक वैश्विक उपभोक्ता प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए बढ़ाया जा सकता है।
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