India Allows 100% Foreign Direct Investment (FDI) in the Space Sector
Important facts positioning Indian space sector as a lucrative option for Foreign Direct Investments (FDI)
भारत अंतरिक्ष विज्ञान में नए मुकाम छू रहा है — चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग, चंद्रयान-4 की महत्वाकांक्षी योजना, और गगनयान मानव मिशन इसके प्रमाण हैं। जानिए कैसे ISRO बना रहा है भारत को स्पेस सुपरपावर।
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जब एक देश जो कभी दूसरे देशों की रॉकेट तकनीक पर निर्भर था, वह चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करता है — तो दुनिया ध्यान देती है। यही हुआ 23 अगस्त 2023 को, जब चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह को छुआ। यह केवल तकनीकी सफलता नहीं थी, बल्कि 130 करोड़ भारतीयों का गर्व और संघर्ष से मिली जीत का प्रतीक था।
ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की ये सफलता अब पीछा करने की नहीं, बल्कि आगे बढ़कर नेतृत्व करने की कहानी बन चुकी है। और अब नज़रें हैं चंद्रयान-4 और गगनयान पर।
2019 में चंद्रयान-2 की लैंडिंग असफल रही थी। लेकिन ISRO ने हार नहीं मानी। उन्होंने सीखा, सुधार किया, और चंद्रयान-3 के साथ शानदार वापसी की।
इस मिशन में:
अधिक जानकारी के लिए ISRO की आधिकारिक वेबसाइट देखें।
चंद्रयान-4, जिसे 2028 में लॉन्च किया जाना है, भारत का पहला लूनर सैंपल रिटर्न मिशन होगा — यानी चंद्रमा की मिट्टी और पत्थर लाकर पृथ्वी पर वैज्ञानिकों द्वारा अध्ययन करना।
मुख्य विशेषताएँ:
विस्तृत जानकारी Department of Space पर उपलब्ध है।
गगनयान: भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन
अब बात करते हैं गगनयान की — भारत का पहला मानव अंतरिक्ष अभियान, जिसे 2025 तक लॉन्च करने की योजना है।
इस मिशन में:
ताज़ा अपडेट के लिए ISRO की गगनयान मिशन साइट पर जाएं।
इन अंतरिक्ष अभियानों के कई गहरे अर्थ हैं:
ISRO की महत्वाकांक्षाएँ केवल चाँद या पृथ्वी की कक्षा तक सीमित नहीं हैं:
भारत की अंतरिक्ष यात्रा केवल रॉकेट्स और सैटेलाइट्स की कहानी नहीं है। यह कहानी है हिम्मत, जिज्ञासा और मेहनत की। चंद्रयान-3 की सफलता, चंद्रयान-4 की योजना, और गगनयान की तैयारी — ये सभी बताते हैं कि भारत अब सिर्फ दुनिया का दर्शक नहीं, बल्कि एक अग्रणी है।
आगे का रास्ता लंबा है, लेकिन भारत तैयार है — सपनों को सितारों तक पहुँचाने के लिए।
Important facts positioning Indian space sector as a lucrative option for Foreign Direct Investments (FDI)
Indian Space Research Organisation has many categories of satellites and spacecrafts for it’s space missions and applications.
Global Positioning System, famously known through it’s abbreviation GPS is a mature navigation system designed by the US for the global adaptation and use. NAVIC (Navigation with Indian Constellation), is a relatively newer navigation system design by India for it’s own regional use.
India is making giant strides in space exploration with Chandrayaan-3’s successful moon landing, the upcoming Chandrayaan-4 lunar mission, and the ambitious Gaganyaan human spaceflight program. Discover how ISRO is shaping the future of space science.