India’s youth will play an important role in development of a Viksit Bharat by 2047
India’s youth are not just the leaders of tomorrow but the change-makers of today. They will bring about the Vision of a Viksit Bharat
विकसित भारत 2047 का सपना तभी पूरा होगा जब भारत वायु, जल और भूमि प्रदूषण जैसी गंभीर समस्याओं से निपटेगा। जानिए प्रदूषण भारत की प्रगति में कैसे बना है सबसे बड़ी रुकावट।
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भारत आज एक दोराहे पर खड़ा है — एक ओर महत्वाकांक्षा, दूसरी ओर सच्चाई। 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना, यानी विकसित भारत, तेजी से आकार ले रहा है। सड़कों का जाल, बंदरगाह, स्मार्ट शहर और डिजिटल अर्थव्यवस्था — हर दिशा में काम हो रहा है।
लेकिन इस सपने के बीच एक अदृश्य दीवार खड़ी है — प्रदूषण।
दिल्ली की सर्दियों में दमघोंटू हवा से लेकर ज़हरीली नदियों और कचरे के पहाड़ों तक, प्रदूषण अब सिर्फ एक पर्यावरणीय समस्या नहीं रहा। यह एक स्वास्थ्य संकट, आर्थिक बाधा, और नैतिक चुनौती बन चुका है। अगर हमने अभी से सफाई शुरू नहीं की, तो विकसित भारत का सपना सिर्फ एक सपना ही रह जाएगा।
आइए, इसे तीन भागों में समझते हैं:
1. वायु प्रदूषण: एक रोज़मर्रा का स्वास्थ्य संकट
दिल्ली, लखनऊ और पटना जैसे शहर नियमित रूप से दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में गिने जाते हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल 16 लाख से अधिक मौतें वायु प्रदूषण से जुड़ी होती हैं।
लेकिन यह केवल धुंध की बात नहीं है। वायु प्रदूषण:
नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम जैसी योजनाएँ बनी हैं, लेकिन ज़मीनी प्रगति धीमी है। जब तक स्वच्छ ईंधन, बेहतर सार्वजनिक परिवहन और सख्त उत्सर्जन नियम अनिवार्य नहीं होते, तब तक हमारी साँसें इसी तरह क़ीमत चुकाती रहेंगी।
2. जल प्रदूषण: नदियाँ अब गंदगी नहीं ढो सकतीं
भारत की नदियाँ सदियों से पूजनीय रही हैं — लेकिन अब हम उन्हें अपशिष्ट से डुबो रहे हैं। औद्योगिक अपशिष्ट, बिना शुद्ध किया हुआ सीवेज — इसके कारण भारत की 70% सतही जल स्रोत पीने के लायक नहीं बचे हैं।
इसका प्रभाव:
नमामि गंगे जैसे कार्यक्रम सही दिशा में कदम हैं, लेकिन जब तक स्थानीय ज़िम्मेदारी और कड़ाई से लागू नहीं होंगे, तब तक असर अधूरा रहेगा।
भारत में हर दिन 1.5 लाख टन से अधिक ठोस कचरा उत्पन्न होता है — जिसमें से अधिकांश कचरा लैंडफिल में जाता है या खुले में जलाया जाता है। प्लास्टिक एक बड़ा अपराधी है, जिसके सूक्ष्म कण अब मिट्टी, पानी और मानव शरीर तक में पाए जा रहे हैं।
बिना प्रबंधन के कचरे के परिणाम:
भारत का प्लास्टिक प्रतिबंध सराहनीय था, लेकिन जब तक जन-जागरूकता और व्यवहारिक विकल्प नहीं मिलते, स्थिति नहीं बदलेगी।
प्रदूषण क्यों बना है विकसित भारत 2047 के रास्ते में बाधा
भारत के विकास लक्ष्य — उच्च GDP, बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, औद्योगिक उन्नति — सब कुछ स्वस्थ नागरिकों और टिकाऊ पर्यावरण पर निर्भर करता है।
आइए समझते हैं क्यों यह लड़ाई ज़रूरी है:
वास्तविक बदलाव वहीं से शुरू होता है, जहाँ से जिम्मेदारी ली जाती है — सरकार से, उद्योगों से और नागरिकों से।
यहाँ कुछ ज़रूरी कदम दिए गए हैं:
विकसित भारत 2047 का सपना सिर्फ हाई-टेक इमारतों, बुलेट ट्रेनों या डिजिटल शहरों का नहीं है। यह हर भारतीय की जीवन गुणवत्ता का सपना है — जहां वह स्वच्छ हवा ले सके, सुरक्षित पानी पी सके और उपजाऊ भूमि में अन्न उगा सके।
प्रदूषण उस सपने पर पड़ती परछाईं है। लेकिन यह स्थायी नहीं है। अगर सरकार, समाज और नागरिक मिलकर आगे बढ़ें, तो हम इस संकट को अवसर में बदल सकते हैं।
क्योंकि असली प्रगति वही है — जो जीवन की रक्षा करे, न कि उसे खत्म करे।
🌿 जानना चाहते हैं कि हम क्या बचाने के लिए लड़ रहे हैं?
भारत की खूबसूरती को महसूस कीजिए — इसके विशाल पर्वतों से लेकर सदियों से बहती नदियों तक — और समझिए कि यह मिशन क्यों इतना महत्वपूर्ण है।
India’s youth are not just the leaders of tomorrow but the change-makers of today. They will bring about the Vision of a Viksit Bharat
India, with its diverse culture, rich heritage, and a population exceeding a billion, stands as a testament to unity in diversity.
India’s vision for its 100th year of independence in 2047 is commonly known as “New India 2047,” “India@100,” or “Viksit Bharat 2047.”
वर्ष 2025 में भारत के स्वतंत्रता दिवस का विषय रक्षा मंत्रालय द्वारा MyGov के सहयोग से निर्धारित किया गया है, यह विषय एक राष्ट्रव्यापी अभियान पर ध्यान केंद्रित करता है जिसका उद्देश्य देशभक्ति के गौरव और एकता को बढ़ावा देना है।